Monday 11 August 2014

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया. | Hindi Shayari, Dard Shayari, Sad Shayari,


इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया.
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया;
आप कहते थे के रोने से न बदलेंगे नसीब,

उम्र भर आपकी इस बात ने रोने न दिया !!


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