वक्त बदले, सोच बदले,
चाहत
भी बदल जाये
अच्छे दिन चाहिए तो आदत भी बदल जाये
न गरीबी रहेगी और न कोई भूखा मरेगा गर
मंत्र बदले, मंदिर बदले
इबादत भी बदल जाये
झंझा, तूफ़ान, जलजले
अदब करते हैं इंसा का
आदमियत जी उठे तो क़यामत भी बदल जाये
सतत हमलों से अपनी बुराइयों को फ़ना
करें
खुद से रखें बैर और अदावत भी बदल जाये
सत्य, ईमान, नैतिकता
आत्मसात होते रहें
कर्म के दीप जले, तो
ताकत भी बदल जाये